Rudra Abhishek Puja
Ujjain

रूद्र अभिषेक पूजा

रुद्र भगवान शिव का एक प्रसिद्ध नाम है। रुद्राभिषेक में शिवलिंग को पवित्र स्नान कराकर पूजा और अर्चना की जाती है। यह हिंदू धर्म में पूजा के सबसे शक्तिशाली रूपों में से एक है और माना जाता है कि इससे भक्तों को समृद्धि और शांति के साथ आशीर्वाद मिलता और कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। शिव को अत्यंत उदार भगवान माना जाता है और यह आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। रुद्राभिषेक शिवरात्रि माह में किया जाता है। हालांकि, श्रावण (जुलाई-अगस्त) का कोई भी दिन रूद्राभिषेक के लिए आदर्श रूप से अनुकूल हैं। इस पूजा का सार यजुर्वेद से श्री रुद्रम के पवित्र मंत्र का जाप और शिवलिंग को कई सामग्रियों से पवित्र स्नान देना है जिसमें पंचमृत या फल शहद आदि शामिल हैं। यहां हम आपके लिए विस्तृत रूद्राभिषेक पूजा प्रक्रिया दे रहे हैं। रुद्राभिषेक की शुरुआत से पहले विस्तृत तैयारी की आवश्यकता होती है। भगवान शिव, माता पार्वती, अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों के लिए आसन या सीटें तैयार की जाती हैं। पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करके आशीर्वाद मांगा जाता है। भक्त संकल्प लेते हैं या पूजा करने का उल्लेख बताते हैं। इस पूजा में विभिन्न देवताओं और सार्वभौमिक ऊर्जा के देवी-देवताओं जैसे धरती मां, गंगा माता, गणेश, भगवान सूर्य, देवी लक्ष्मी, भगवान अग्नि, भगवान ब्रह्मा और नौ ग्रह शामिल हैं। इन सभी देवताओं की पूजा करने और प्रसाद अर्पण करने के बाद शिवलिंग की पूजा की जाती है, अभिषेक के दौरान शिवलिंग से बहने वाले पानी को एकत्र करने की व्यवस्था के साथ इसे वेदी पर रखा जाता है।

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About Guruji

Authorized Pandit in Ujjain, Pandit Gajanan Guruji .

पंडित गजानन गुरुजी उज्जैन के निवासी है जो बाल्यकाल से ही गुरुकुल श्री रामानुज कोट में अध्ययन किया व माध्यन्दिन शाखा से दीक्षित होकर शुक्ल यजुर्वेद का अध्ययन किया और दीक्षित होकर कर्मकाण्ड सीखा और पारम्परिक वैदिक शास्त्र के अतिरिक्त अभिनव शास्त्री, एम. ए. संस्कृत शास्त्र का अध्ययन संस्कृत अध्ययन- शाला विक्रम यूनिवर्सिर्टी उज्जैन से किया और अपनी गुरुपरम्परा को आगे बढाते हुए वैदिक अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ लोगों के कल्याणार्थ वैदिक शास्त्रीय विधि से कर्मकाण्ड अर्थात् पूजा विधि सम्पन्न करवाते है।