पंडित गजानन गुरुजी उज्जैन के निवासी है जो बाल्यकाल से ही गुरुकुल श्री रामानुज कोट में अध्ययन किया व माध्यन्दिन शाखा से दीक्षित होकर शुक्ल यजुर्वेद का अध्ययन किया और दीक्षित होकर कर्मकाण्ड सीखा और पारम्परिक वैदिक शास्त्र के अतिरिक्त अभिनव शास्त्री, एम. ए. संस्कृत शास्त्र का अध्ययन संस्कृत अध्ययन- शाला विक्रम यूनिवर्सिर्टी उज्जैन से किया और अपनी गुरुपरम्परा को आगे बढाते हुए वैदिक अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ लोगों के कल्याणार्थ वैदिक शास्त्रीय विधि से कर्मकाण्ड अर्थात् पूजा विधि सम्पन्न करवाते है।